Daily Charts

Most Popular on 15th of July, 2021
Guess the Sector, that this company operates in.

ROCE 1 Yr: 32.7%
ROCE 3 Yr: 24.8%
ROE: 27.4%
ROE 3 Yr: 19%
Op Margin: 28.4%
Reserves: 32% of Current Market Cap
Debt: Nil
Profit CAGR 3Yrs: 54%
Debtor Days: 15
Inventory Turnover > 5
CFO YoY Increase : 160%

Some of you got it correct. Its Anjali Portland.
The company just acquired another cement company that will double the total sales immediately.
https://t.co/2xVnpJapPy

The acquisition was financed by adding debt, so interest costs from next quarter will go up but still great!

For a company that operates in a cyclical sector like cement!

What I liked is that the company was able to maintain the balance sheet and margins even in a down cycle.

With real estate sector reviving, this can be a great bet from here.

No recommendations, just an observation.

Market started re-rating the stock as soon as they announced acquisition.


Someone did some work on details of acquisition, sharing the thread
Most Popular on 14th of July, 2021
श्री राम की माता कौशल्या का इकलौता मंदिर
#Thread
रायपुर से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर चंदखुरी गांव है। 126 तालाब वाले इस गांव में सात तालाबों से घिरे जलसेन तालाब के बीच प्राचीन द्वीप पर भगवान श्रीराम की माता कौशल्या की प्रतिमा स्थापित है और रामलला उनकी गोद में विराजमान हैं।


यहीं की थीं माता कौशल्या
स्थानीय लोगों की आस्था है कि चंदखुरी ही माता कौशल्या की जन्मस्थली है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि एक ही पत्थर में उभरी माता कौशल्या व भगवान श्रीराम की प्रतिमा गांव के जलसेन तालाब से ही प्राप्त हुई थी, जो आठवीं शताब्दी की है।


द्वीप पर स्थित कौशल्या माता का मंदिर हरियाली और मंदिरों से घिरा हुआ है। भगवान शिव और नंदी की विशाला प्रतिमा यहां स्थित है। द्वीप के द्वार पर हनुमान जी विराजमान हैं। दशरथ जी का दरबार यहां लगा है। मन्नत का एक पेड़ भी यहां स्थित है। सुषेण वैद्य की समाधी है।


माता कौशल्या के पिता सुकौशल थे, जिन्हें स्थानीय निवासी भानुमंत राजा के नाम से जानते हैं। छत्तीसगढ़ को पहले कौशल प्रदेश के नाम से जाना जाता था। वहीं माता सुबाला/अमृतप्रभा थीं। रामचरित मानस व वाल्मिकी रामायण में भी कौशल प्रदेश का उल्लेख मिलता है।


मंदिर परिसर में ही सीताफल का एक पेड़ है, जहां पर्ची में नाम लिखकर उसे श्रीफल के संग बांधा जाता है। कहा जाता है कि ऐसा कर मांगी गई मन्नत पूरी होती है। असल में जहां पेड़ है, उस स्थान पर पहले नागराज की बड़ी बाम्बी हुआ करती थी और मान्यता है कि मन्नत नागराज ही पूरी करते हैं।
Most Popular on 13th of July, 2021
It seems this tweet of mine has triggered all the so called "liberal" feminists.

A thread by .@AskAnshul clearly explains several vulnerabilities of leaked pics on Telegram.

Almost daily CH sessions on abusing Hindu/Santani women are floated on Twitter.


Here are the advises given to us on this tweet:

1. Wear Burkha - Did I even say that? Posting pics on SM has nothing to do with what you wear.

2. "Aurat ki izzat chali jayegi" is filthy thinking. Santanis should fight & not get scared.

Great ideological advise.

Fight when?

It's like saying - learn to cope with an accident. Safe driving/following traffic rules are unnecessary.

RIP logic👏🏽👏🏽

Now they have started targeting/harassing me and my friend .@pahadanladki . Look at the SS of DMs we are getting.


The only man who had courage to continuously fight for us was .@Tushar_KN . And for that he was been called a Muzzie, and what not.

When .@OlhyanViir ji intervened, he was ridiculed badly.

Why were these men targeted? And look at the threats.


Look at the audacity of these so called Sanatanis, who are mocking and demeaning physical features of @Tushar_KN .

Is this what Sanatanis do? Ridicule someone's physical looks?

And all this after several having gained followers from his weekly #FF .👏🏽👏🏽

And this continues.....
Most Popular on 12th of July, 2021
#जयमाँझंडेवाली
राजधानी दिल्ली के मध्य में स्थित झंडेवालान एक सिद्धपीठ है।
यह प्राचीन मंदिर अरावली पर्वत की श्रृंखलाओं में से एक श्रृंखला में स्थित है।
मंदिर का इतिहास करीब 100 साल पुराना है
माता झंडेवाली यहाँ माँ लक्ष्मी के स्वरूप में विद्यमान हैं जिनके एक तरफ मां काली हैं..1


2
और दूसरी तरफ मां सरस्वती हैं।
मंदिर के इतिहास की बात करें तो 100 साल से भी पहले दिल्ली के एक व्यापारी श्री बद्री भगत थे,जो धार्मिकवृत्ति के तथा वैष्णों माता के परम भक्त थे।
बद्री दास जी इस जगह नियमित रूप से सैर करने आते थे तथा यही पर ध्यान में लीन हुआ करते थे।


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एक दिन जब बद्री दास मां भगवती की साधना में लीन थे तो उन्हें अनुभूति हुई कि यहां पर एक प्राचीन मंदिर है जो कि जमीन में धंसा हुआ है।
कुछ समय बाद उन्हें फिर सपने में वह मंदिर दिखाई दिया।
बद्री दास जी ने वहां जमीन खरीद कर, खुदाई आरम्भ करवाई।
थोड़ी ही खुदाई के पश्चात्‌ मंदिर के..


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अवशेष मिलने प्रारम्भ हो गए। इसके पश्चात्‌ खुदाई का कार्य तेज करवा दिया गया। खुदाई करवाते समय उन्हें मंदिर के शिखर पर झंडा दिखा, और उसके बाद खुदाई में माँ की मूर्ति प्राप्त हुई। मगर खुदाई में माँ के हाथ खंडित हो गए।
मूल मूर्ति के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान


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ध्यान में रखते हुए उसी स्थान पर रहने दिया गया और खंडित हाथो को चांदी के हाथ पिरोह दिए गए।
दूसरी चट्टान की खुदाई में शिवलिंग दिखाई पड़ा, मगर खंडित ना हो इस भय से उसे वही रहने दिया गया, आज भी वह शिवलिंग मंदिर की गुफा में स्थित है।
जिस स्थान पर माता की मूर्ति मिली थी उसी के ठीक...
Most Popular on 11th of July, 2021
Master Thread of all my threads!

Hello!! 👋

• I have curated some of the best tweets from the best traders we know of.

• Making one master thread and will keep posting all my threads under this.

• Go through this for super learning/value totally free of cost! 😃

1. 7 FREE OPTION TRADING COURSES FOR


2. THE ABSOLUTE BEST 15 SCANNERS EXPERTS ARE USING

Got these scanners from the following accounts:

1. @Pathik_Trader
2. @sanjufunda
3. @sanstocktrader
4. @SouravSenguptaI
5. @Rishikesh_ADX


3. 12 TRADING SETUPS which experts are using.

These setups I found from the following 4 accounts:

1. @Pathik_Trader
2. @sourabhsiso19
3. @ITRADE191
4.


4. Curated tweets on HOW TO SELL STRADDLES.

Everything covered in this thread.
1. Management
2. How to initiate
3. When to exit straddles
4. Examples
5. Videos on
Most Popular on 10th of July, 2021
भगवान अपने भक्तों की यश वृद्धि करने के लिए अनेक प्रकार की लीलाएं करते हैं।इस तरह के अनेकों उदाहरण आपको हमारे पुराणों में मिल जाएंगे।ऐसी ही एक भक्त थी सती अनुसुइया जिसकी कथा हम आज सुनेंगे।
त्रिदेवियां माताएं लक्ष्मी,पार्वती और सरस्वती सोचती थीं कि उनसे बड़ी पतिव्रताएं कोई नहीं ।


एक बार त्रिदेवों ने त्रिदेवियों का ये भ्रम तोड़ने का और साथ ही अपनी परम भक्त अनुसुइया का मान बढ़ाने का सोचा।
इसी कार्य को संपन्न करने के लिए भगवान नारायण ने देवर्षि नारद के मन में जिज्ञासा उत्पन्न की। इसके फलस्वरूप वे लक्ष्मी जी के पास पहुंचे। लक्ष्मी माता देवर्षि को देख...

...बड़ी प्रसन्न हुईं और उनसे कहा,"देवर्षि! आप बड़े दिनो के बाद आए हैं।कहिए कैसे हैं?" नारद जी बोले,"माता! क्या बताऊँ? कुछ बताते नहीं बन रहा।अब की बार मैं घूमता हुआ चित्रकूट की ओर चला गया था।वहां महर्षि अत्रि के आश्रम जाने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ। माता! मैं तो महर्षि अत्रि ...


..जी की पत्नी माता अनुसुइया के दर्शन करके कृतार्थ हो गया।तीनों लोकों में उनके समान पवित्र व पतिव्रता स्त्री कोई नहीं है।"
माता अनुसुइया का यही गुणगान देवर्षि नारद ने जाकर माता पार्वती और माता सरस्वती से भी किया।ये सुनकर त्रिदेवियों ने जिज्ञासावश अनुसुइया की परीक्षा लेने की सोची।


तब त्रिदेवियों ने अपने पतियों-ब्रह्मा,विष्णु और महेश से अनुसुइया के सतीत्व की परीक्षा लेने का हठ किया।त्रिदेवों ने बहुत समझाने की कोशिश की परंतु अपनी पत्नियों के हठ के कारण अन्ततः वे अनुसुइया की परीक्षा लेने को तैयार हो गए।

तीनों देव साधुवेष धारण कर महर्षि अत्रि के आश्रम पहुंचे।
Most Popular on 9th of July, 2021
जब पूरी दुनिया विश्व में 2500 किग्रा के रॉकेट बना रही थी तब भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश था जो 250 किग्रा के क्रायोजेनिक रॉकेट बना रहा था और उसका श्रेय एकमात्र भारत के वैज्ञानिक को था वो हैं "Nambi Narayan".
एक थ्रेड पूरे Nambi मामले पर एवम् भारतीय वैज्ञानिकों की दशा पर।


शुरूआत होती है अक्टूबर 1994 से जब केरल के तिरूवनन्तपुरम् से दो मालदीव की लड़कियां मरियम राशिदा एवम् फौजिया हसन को गिरफ्तार किया जाता है जिनके पास से एक चित्र निकलता है जिसमें कुछ रॉकेट छपे होते हैं और वो सहज भाव में ही बता देतीं हैॆ कि वो ये चित्र इसरो से प्राप्त की हैं

व इसको उन्होंने पाकिस्तान को बेचा है। केरल पुलिस ने आनन फानन में स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के डायरेक्टर नम्बी नारायण,डी शशिकुमार एवम् के चन्द्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया।
भारतीय मीडिया ने कुछ ही पलों में बिना सबूत के पुलिस की जानकारी के आधार पर ही नम्बी को भारत का गद्दार बता दिया।

जिस समय नम्बी की गिरफ्तारी हुयी उस समय वो अपने प्रोजेक्ट की समाप्ति के बेहद नजदीक थे और यदि ये प्रोजेक्ट समय पर समाप्त हो जाता तो आज जिस स्थान पर NASA है वहां पर ISRO होता क्योंकि NASA के पास इतने हल्के रॉकेट बनाने की क्षमता नहीं थी।
नम्बी ने स्वयं NASA का ऑफर ठुकराया था।

दिसम्बर 1994 में मामला सीबीआइ एवम् IB के पास आया तब तक Nambi को ढेरों मानसिक एवम् शारीरिक प्रताड़ना दी जा चुकीं थीॆ व उनका दोष सिर्फ इतना था कि वो देशहित में काम कर रहे थे और केरल पुलिस पर CIA का दवाब था।