[42c] I’M CALLING IT ANONS.

I'M CALLING THE DEATH OF QUEEN ELIZABETH II ON 12/27/2020

THREAD POSTED ON DECEMBER 14, 2020

DECEMBER 14, DEC 1+4, D5.

PART ##4 CHESS 4D
PART ##5 CHESS 5D

d4.d5 FaLL of THE QUEEN

[13] DAYS TO PROVE ME WRONG

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राम-रावण युद्ध समाप्त हो चुका था। जगत को त्रास देने वाला रावण अपने कुटुम्ब सहित नष्ट हो चुका था।श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ और अयोध्या नरेश श्री राम के नेतृत्व में चारों दिशाओं में शन्ति थी।
अंगद को विदा करते समय राम रो पड़े थे ।हनुमान को विदा करने की शक्ति तो राम में थी ही नहीं ।


माता सीता भी हनुमान को पुत्रवत मानती थी। अत: हनुमान अयोध्या में ही रह गए ।राम दिनभर दरबार में, शासन व्यवस्था में व्यस्त रहते थे। संध्या को जब शासकीय कार्यों में छूट मिलती तो गुरु और माताओं का कुशल-मंगल पूछ अपने कक्ष में जाते थे। परंतु हनुमान जी हमेशा उनके पीछे-पीछे ही रहते थे ।


उनकी उपस्थिति में ही सारा परिवार बहुत देर तक जी भर बातें करता ।फिर भरत को ध्यान आया कि भैया-भाभी को भी एकांत मिलना चाहिए ।उर्मिला को देख भी उनके मन में हूक उठती थी कि इस पतिव्रता को भी अपने पति का सानिध्य चाहिए ।

एक दिन भरत ने हनुमान जी से कहा,"हे पवनपुत्र! सीता भाभी को राम भैया के साथ एकांत में रहने का भी अधिकार प्राप्त है ।क्या आपको उनके माथे पर सिन्दूर नहीं दिखता?इसलिए संध्या पश्चात आप राम भैया को कृप्या अकेला छोड़ दिया करें "।
ये सुनकर हनुमान आश्चर्यचकित रह गए और सीता माता के पास गए ।


माता से हनुमान ने पूछा,"माता आप अपने माथे पर सिन्दूर क्यों लगाती हैं।" यह सुनकर सीता माता बोलीं,"स्त्री अपने माथे पर सिन्दूर लगाती है तो उसके पति की आयु में वृद्धि होती है और वह स्वस्थ रहते हैं "। फिर हनुमान जी प्रभु राम के पास गए ।