Face Book News.. பிடித்தது
இன்று அண்ணன் கல்யாண
ராமன் அவர்களது பதிவு ஒன்றைப் பார்த்தேன்-

அதாவது கருணாநிதியின் தகப்பனார் பெயர் முத்துவேலர் என்று நம்மை நம்ப
வைத்திருக்கிறார்கள், உண்மையில் அப்படி ஒரு நபரே கிடையாது என்பதும்.🇮🇳.. /1 @itskJayaprakash @sparjaga @Rajeswa46144005 @srjk22

அந்தக் காலத்தில் தாசி குலத்தில் வந்தவர்கள் ஆண் குழந்தை பிறந்தால் அதற்கு நடு வகிடு எடுத்துச் சீவி அழகு பார்ப்பார்க்கள் என்பதும் உண்மை -
எனக்கு சென்னையில் ஒரு பழைய தி.மு.க பிரமுகராக வலம் வந்த பின்பு ம.தி.மு.கவிற்குச் சென்ற நண்பர் ஒருவர் இருக்கிறார்./2
@SurendarSree @VelloreVetriVel
அவருக்கு கருணாநிதி குடும்பத்தின் பல ரகசியங்கள் தெரியும் -
மு.க.முத்து ஏன் MGR போலவே இருக்கிறார்?ஸ்டாலின் ஏன் அன்பழகன் போலவே இருக்கிறார் போன்ற பல ரகசியங்களை எனக்குச் சொன்னவர் அவர்தான்-
அது மட்டுமல்ல நத்தம் OP. ராமன் மனைவிக்கு என்னவாயிற்று?, OP.ராமனின் கொழுந்தியாவின் கதி என்ன?.. /3
திண்டுக்கல் மாவட்டத்தில் அண்ணாதுரை மீது கற்பழிப்பு வழக்கு பதிவு உட்பட, மிசா கசமுசா கைது, ஸ்டாலின் காதலித்த பிராமணப் பெண் உமாவிற்கு நேர்ந்த கதி, பாத்திமா பாபு விற்கு நிகழ்ந்த கொடூரம் முதற்கொண்டு ஒவ்வொன்றையும் புட்டுப்புட்டு வைப்பவர் அவர்.. /4 @hemaquotes @sukuajith @ssbalu6465

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🌺श्री गरुड़ पुराण - संक्षिप्त वर्णन🌺

हिन्दु धर्म के 18 पुराणों में से एक गरुड़ पुराण का हिन्दु धर्म में बड़ा महत्व है। गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद सद्गती की व्याख्या मिलती है। इस पुराण के अधिष्ठातृ देव भगवान विष्णु हैं, इसलिए ये वैष्णव पुराण है।


गरुड़ पुराण के अनुसार हमारे कर्मों का फल हमें हमारे जीवन-काल में तो मिलता ही है परंतु मृत्यु के बाद भी अच्छे बुरे कार्यों का उनके अनुसार फल मिलता है। इस कारण इस पुराण में निहित ज्ञान को प्राप्त करने के लिए घर के किसी सदस्य की मृत्यु के बाद का समय निर्धारित किया गया है...

..ताकि उस समय हम जीवन-मरण से जुड़े सभी सत्य जान सकें और मृत्यु के कारण बिछडने वाले सदस्य का दुख कम हो सके।
गरुड़ पुराण में विष्णु की भक्ति व अवतारों का विस्तार से उसी प्रकार वर्णन मिलता है जिस प्रकार भगवत पुराण में।आरम्भ में मनु से सृष्टि की उत्पत्ति,ध्रुव चरित्र की कथा मिलती है।


तदुपरांत सुर्य व चंद्र ग्रहों के मंत्र, शिव-पार्वती मंत्र,इन्द्र सम्बंधित मंत्र,सरस्वती मंत्र और नौ शक्तियों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
इस पुराण में उन्नीस हज़ार श्लोक बताए जाते हैं और इसे दो भागों में कहा जाता है।
प्रथम भाग में विष्णुभक्ति और पूजा विधियों का उल्लेख है।

मृत्यु के उपरांत गरुड़ पुराण के श्रवण का प्रावधान है ।
पुराण के द्वितीय भाग में 'प्रेतकल्प' का विस्तार से वर्णन और नरकों में जीव के पड़ने का वृत्तांत मिलता है। मरने के बाद मनुष्य की क्या गति होती है, उसका किस प्रकार की योनियों में जन्म होता है, प्रेत योनि से मुक्ति के उपाय...
प्राचीन काल में गाधि नामक एक राजा थे।उनकी सत्यवती नाम की एक पुत्री थी।राजा गाधि ने अपनी पुत्री का विवाह महर्षि भृगु के पुत्र से करवा दिया।महर्षि भृगु इस विवाह से बहुत प्रसन्न हुए और उन्होने अपनी पुत्रवधु को आशीर्वाद देकर उसे कोई भी वर मांगने को कहा।


सत्यवती ने महर्षि भृगु से अपने तथा अपनी माता के लिए पुत्र का वरदान मांगा।ये जानकर महर्षि भृगु ने यज्ञ किया और तत्पश्चात सत्यवती और उसकी माता को अलग-अलग प्रकार के दो चरू (यज्ञ के लिए पकाया हुआ अन्न) दिए और कहा कि ऋतु स्नान के बाद तुम्हारी माता पुत्र की इच्छा लेकर पीपल का आलिंगन...

...करें और तुम भी पुत्र की इच्छा लेकर गूलर वृक्ष का आलिंगन करना। आलिंगन करने के बाद चरू का सेवन करना, इससे तुम दोनो को पुत्र प्राप्ति होगी।परंतु मां बेटी के चरू आपस में बदल जाते हैं और ये महर्षि भृगु अपनी दिव्य दृष्टि से देख लेते हैं।

भृगु ऋषि सत्यवती से कहते हैं,"पुत्री तुम्हारा और तुम्हारी माता ने एक दुसरे के चरू खा लिए हैं।इस कारण तुम्हारा पुत्र ब्राह्मण होते हुए भी क्षत्रिय सा आचरण करेगा और तुम्हारी माता का पुत्र क्षत्रिय होकर भी ब्राह्मण सा आचरण करेगा।"
इस पर सत्यवती ने भृगु ऋषि से बड़ी विनती की।


सत्यवती ने कहा,"मुझे आशीर्वाद दें कि मेरा पुत्र ब्राह्मण सा ही आचरण करे।"तब महर्षि ने उसे ये आशीर्वाद दे दिया कि उसका पुत्र ब्राह्मण सा ही आचरण करेगा किन्तु उसका पौत्र क्षत्रियों सा व्यवहार करेगा। सत्यवती का एक पुत्र हुआ जिसका नाम जम्दाग्नि था जो सप्त ऋषियों में से एक हैं।