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Most Popular on 21st of March, 2021
1/12

RT-PCR corona (test) scam

Symptomatic people are tested for one and only one respiratory virus. This means that other acute respiratory infections are reclassified as


2/12

It is tested exquisitely with a hypersensitive non-specific RT-PCR test / Ct >35 (>30 is nonsense, >35 is madness), without considering Ct and clinical context. This means that more acute respiratory infections are reclassified as


3/12

The Drosten RT-PCR test is fabricated in a way that each country and laboratory perform it differently at too high Ct and that the high rate of false positives increases massively due to cross-reaction with other (corona) viruses in the "flu


4/12

Even asymptomatic, previously called healthy, people are tested (en masse) in this way, although there is no epidemiologically relevant asymptomatic transmission. This means that even healthy people are declared as COVID


5/12

Deaths within 28 days after a positive RT-PCR test from whatever cause are designated as deaths WITH COVID. This means that other causes of death are reclassified as
Most Popular on 20th of March, 2021
#ज्योतिष_विज्ञान #मंत्र_विज्ञान

ज्योतिषाचार्य अक्सर ग्रहों के दुष्प्रभाव के समाधान के लिए मंत्र जप, अनुष्ठान इत्यादि बताते हैं।

व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति ही उसकी कुंडली बन जाती है जैसे कि फ़ोटो खींच लिया हो और एडिट करना सम्भव नही है। इसे ही "लग्न" कुंडली कहते हैं।


लग्न के समय ग्रहों की इस स्थिति से ही जीवन भर आपको किस ग्रह की ऊर्जा कैसे प्रभावित करेगी का निर्धारिण होता है। साथ साथ दशाएँ, गोचर इत्यादि चलते हैं पर लग्न कुंडली का रोल सबसे महत्वपूर्ण है।


पृथ्वी से अरबों खरबों दूर ये ग्रह अपनी ऊर्जा से पृथ्वी/व्यक्ति को प्रभावित करते हैं जैसे हमारे सबसे निकट ग्रह चंद्रमा जोकि जल का कारक है पृथ्वी और शरीर के जलतत्व पर पूर्ण प्रभाव रखता है।
पूर्णिमा में उछाल मारता समुद्र का जल इसकी ऊर्जा के प्रभाव को दिखाता है।


अमावस्या में ऊर्जा का स्तर कम होने पर वही समुद्र शांत होकर पीछे चला जाता है। जिसे ज्वार-भाटा कहते हैं। इसी तरह अन्य ग्रहों की ऊर्जा के प्रभाव होते हैं जिन्हें यहां समझाना संभव नहीं।
चंद्रमा की ये ऊर्जा शरीर को (अगर खराब है) water retention, बैचेनी, नींद न आना आदि लक्षण दिखाती है


मंत्र क्या हैं-
मंत्र इन ऊर्जाओं के सटीक प्रयोग करने के पासवर्ड हैं। जिनके जप से संबंधित ग्रह की ऊर्जा को जातक की ऊर्जा से कनेक्ट करके उन ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम किया और शुभ प्रभाव को बढ़ाया जाता है।
Most Popular on 19th of March, 2021
Most Popular on 18th of March, 2021
#ज्योतिष
कुछ दिन पहले एक जातक की कुंडली मे मंगल/राहु की स्थिति देखते हुए जाँच के लिए कहा था। रक्त में इंफेक्शन की पूर्ण संभावना थी जोकि सही भी निकली, विशुद्ध वैज्ञनिक ज्योतिष शास्त्र चिर सत्य है हम ज्योतिषों की गणना औऱ ज्ञान में कमी हो सकती है ज्योतिष शास्त्र कभी गलत नही होता।


शरीर व इसके घटकों पर ग्रहों के प्रभाव पर चर्चा करते हैं।

सूर्य-हड्डियों
चंद्र-शरीर का जल और श्वेत रक्त कणिकाएं(WBC)है
मंगल- रक्त मुख्यतः(RBC), दाँत
बुध-त्वचा
गुरु- वसा (fat),हॉर्मोन्स
शुक्र- विटामिन्स
शनि-मुख्यतःनसों का कारक है
राहु केतु और शनि मिलकर शरीर के मिनरल्स के कारक हैं।


किसी एक ग्रह के द्वारा जातक पर ग्रह के प्रभाव को नही कहा जा सकता इसके लिए उसकी डिग्री, दृष्टि संबंध, नक्षत्र, भाव, गोचर और भी बहुत कुछ देखा जाता है।

महादेव हम सब का कल्याण करें।🙏
नमः शिवाय🚩



@hathyogi31
@Itishree001
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@DharmaWarrier
@jhoola7
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Most Popular on 15th of March, 2021
• 12:00 बजने के स्थान पर आदित्या: लिखा हुआ है, जिसका अर्थ यह है कि सूर्य 12 प्रकार के होते हैं...
अंशुमान, अर्यमन, इंद्र, त्वष्टा, धातु, पर्जन्य, पूषा, भग, मित्र, वरुण, विवस्वान और विष्णु।


• 1:00 बजने के स्थान पर ब्रह्म लिखा हुआ है, इसका अर्थ यह है कि ब्रह्म एक ही प्रकार का होता है।
एकोब्रह्मद्वितीयो_नास्ति।

• 2:00 बजने की स्थान पर अश्विनौ लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि अश्विनी कुमार दो हैं।
नासत्यऔरद्स्त्र।

• 3:00 बजने के स्थान पर त्रिगुणा: लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य यह है कि गुण तीन प्रकार के हैं।
सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण।

• 4:00 बजने के स्थान पर चतुर्वेदा: लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य यह है कि वेद चार प्रकार के होते हैं।
ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।

• 5:00 बजने के स्थान पर पंचप्राणा: लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य है कि प्राण पांच प्रकार के होते हैं।
अपान, समान, प्राण, उदान और व्यान।

• 6:00 बजने के स्थान पर षड्र्सा: लिखा हुआ है, इसका तात्पर्य है कि रस 6 प्रकार के होते हैं।
मधुर, अमल, लवण, कटु, तिक्त और कसाय।

• 7:00 बजे के स्थान पर सप्तर्षय: लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि सप्त ऋषि 7 हुए हैं।
कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ।

• 8:00 बजने के स्थान पर अष्ट_सिद्धिय: लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि सिद्धियां आठ प्रकार की होती है।
अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा,