रानी लक्ष्मीबाई को तो सभी लोग जानते हैं किन्तु रानी वेलु नाचियार,रानी गाइदिन्ल्यु का नाम भारतीय पटल पर आना अद्भुत है।
चूंकि सभी लोग परिचित नहीं है अत: एक प्रयास मेरे द्वारा किया गया है,
कृपया पढिये भारत की गौरवपूर्ण वीरांगनाओं के बारे में।

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रानी नइकी देवी
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रानी वेलु नाचियार एवम् मां कुयिली देवी
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नीरा आर्या
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रानी दुर्गावती
रानी गाइदिन्ल्यु

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रानी दिद्दा
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रानी रासमणि

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जब पूरी दुनिया विश्व में 2500 किग्रा के रॉकेट बना रही थी तब भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश था जो 250 किग्रा के क्रायोजेनिक रॉकेट बना रहा था और उसका श्रेय एकमात्र भारत के वैज्ञानिक को था वो हैं "Nambi Narayan".
एक थ्रेड पूरे Nambi मामले पर एवम् भारतीय वैज्ञानिकों की दशा पर।


शुरूआत होती है अक्टूबर 1994 से जब केरल के तिरूवनन्तपुरम् से दो मालदीव की लड़कियां मरियम राशिदा एवम् फौजिया हसन को गिरफ्तार किया जाता है जिनके पास से एक चित्र निकलता है जिसमें कुछ रॉकेट छपे होते हैं और वो सहज भाव में ही बता देतीं हैॆ कि वो ये चित्र इसरो से प्राप्त की हैं

व इसको उन्होंने पाकिस्तान को बेचा है। केरल पुलिस ने आनन फानन में स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के डायरेक्टर नम्बी नारायण,डी शशिकुमार एवम् के चन्द्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया।
भारतीय मीडिया ने कुछ ही पलों में बिना सबूत के पुलिस की जानकारी के आधार पर ही नम्बी को भारत का गद्दार बता दिया।

जिस समय नम्बी की गिरफ्तारी हुयी उस समय वो अपने प्रोजेक्ट की समाप्ति के बेहद नजदीक थे और यदि ये प्रोजेक्ट समय पर समाप्त हो जाता तो आज जिस स्थान पर NASA है वहां पर ISRO होता क्योंकि NASA के पास इतने हल्के रॉकेट बनाने की क्षमता नहीं थी।
नम्बी ने स्वयं NASA का ऑफर ठुकराया था।

दिसम्बर 1994 में मामला सीबीआइ एवम् IB के पास आया तब तक Nambi को ढेरों मानसिक एवम् शारीरिक प्रताड़ना दी जा चुकीं थीॆ व उनका दोष सिर्फ इतना था कि वो देशहित में काम कर रहे थे और केरल पुलिस पर CIA का दवाब था।
"स्वतंत्रता हमारा अधिकार है, तुम्हारी ये गोलियां हमारे संकल्प को डिगा नहीं सकतीं"
ये शब्द उस वीरांगना के अन्तिम शब्द थे जिसने अपने हाथ से भारत का उस समय का झंडा गिरने न दिया यद्यपि अंग्रेजी गोली उनका सीना भेद गयी।
जानिये 17 वर्षीय कनकलता बरूआ "वीरबाला" के बारे में
@Sanjay_Dixit


असम के बारंगबाड़ी में जन्मीं वीरांगना की पारिवारिक स्थिति ये थी कि मात्र 5 वर्ष की अवस्था में मां का देहान्त हो गया अगले ही वर्ष सौतेली मां का भी देहावसान हो गया लेकिन वीर चुनौतियों से डिगते नहीं अपितु चुनौतियों का हंसकर सामना करते हैं चूंकि नाम ही वीरबाला था यथा नाम तथा गुण।

सात वर्ष की अवस्था मेॆ कवि ज्योति प्रसाद अग्रवाल के गीतों ने राष्ट्रभक्ति की अलख जगा दी वीरबाला के हृदय में,
मात्र 17 वर्ष में नेताजी की आजाद हिन्द फौज में शामिल होने की याचिका दी इन्होंने परन्तु वो याचिका निरस्त हो गयी क्योंकि कहा गया कि आप अभी नाबालिग हैं लेकिन वो रूकी नहीं।

फिर वो स्वयंसेवकों के आत्मघाती दल मृत्यु वाहिनी में शामिल हो गयीं उस समय भारत छोड़ो आन्दोलन चल रहा था दिनांक 20 सितम्बर 1942 को इनकी योजना थी कि गोहपुर थाने पर भारतीय झंडा फहरायेंगी व दादा को ये वादा किया कि जैसे अहोम वंश देश के लिये लड़ा वैसे ही वो देश के लिये लड़ेंगी।

वीरबाला स्वयं उस दल का नेतृत्व कर रहीं थीं हाथों में तिरंगा लिये बढती जा रहीं थीं थानेदार ने इनको रोका, इन्होंने कहा कि हम आपसे कोई हिंसक संघर्ष नहीं चाहते हम केवल झंडा फहराना चाहते एवम् राष्ट्रभक्ति की अलख जगाना चाहते परन्तु थानेदार नहीं माना और गोली चलाने की चेतावनी दी
जिह्वा से कढ़ती ज्वाल सघन,
साँसों में पाता जन्म पवन,
पड़ जाती मेरी दृष्टि जिधर,
हँसने लगती है सृष्टि उधर!
मैं जभी मूँदता हूँ लोचन,
छा जाता चारों ओर मरण।

#श्रीकृष्ण
जय राधेश्याम


‘बाँधने मुझे तो आया है,
जंजीर बड़ी क्या लाया है?
यदि मुझे बाँधना चाहे मन,
पहले तो बाँध अनन्त गगन।
सूने को साध न सकता है,
वह मुझे बाँध कब सकता है?

‘हित-वचन नहीं तूने माना,
मैत्री का मूल्य न पहचाना,
तो ले, मैं भी अब जाता हूँ,
अन्तिम संकल्प सुनाता हूँ।
याचना नहीं, अब रण होगा,
जीवन-जय या कि मरण होगा।

‘टकरायेंगे नक्षत्र-निकर,
बरसेगी भू पर वह्नि प्रखर,
फण शेषनाग का डोलेगा,
विकराल काल मुँह खोलेगा।
दुर्योधन! रण ऐसा होगा।
फिर कभी नहीं जैसा होगा।

‘भाई पर भाई टूटेंगे,
विष-बाण बूँद-से छूटेंगे,
वायस-श्रृगाल सुख लूटेंगे,
सौभाग्य मनुज के फूटेंगे।
आखिर तू भूशायी होगा,
हिंसा का पर, दायी होगा।’

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The best morning routine?

Starts the night before.

9 evening habits that make all the difference:

1. Write down tomorrow's 3:3:3 plan

• 3 hours on your most important project
• 3 shorter tasks
• 3 maintenance activities

Defining a "productive day" is crucial.

Or else you'll never be at peace (even with excellent output).

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2. End the workday with a shutdown ritual

Create a short shutdown ritual (hat-tip to Cal Newport). Close your laptop, plug in the charger, spend 2 minutes tidying your desk. Then say, "shutdown."

Separating your life and work is key.

3. Journal 1 beautiful life moment

Delicious tacos, presentation you crushed, a moment of inner peace. Write it down.

Gratitude programs a mindset of abundance.

4. Lay out clothes

Get exercise clothes ready for tomorrow. Upon waking up, jump rope for 2 mins. It will activate your mind + body.

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