⚜️हमारे शास्त्रों के अनुसार पूजा अर्चना में क्या-क्या कार्य वर्जित हैं, आइए जानें:-⚜️
🌺1) गणेश जी को तुलसी न चढ़ाएं।
🌺2) देवी पर दुर्वा न चढ़ाएं।
🌺3) शिव लिंग पर केतकी फूल न चढ़ाएं।
🌺4) विष्णु को तिलक में अक्षत न चढ़ाएं।
🌺5) दो शंख एक समान पूजा घर में न रखें।
🌺6)मंदिर में तीन गणेश मूर्ति न रखें।
🌺7)तुलसी पत्र चबाकर न खाएं।
🌺8)द्वार पर जूते चप्पल उल्टे न रखें।
🌺9)दर्शन करके वापस लौटते समय घंटा न बजाएं।
🌺10)एक हाथ से आरती नहीं लेनी चाहिए।
🌺11)ब्राह्मण को बिना आसन बैठाना नहीं चाहिए।
🌺12) स्त्री द्वारा दंडवत प्रणाम वर्जित है।
🌺13) बिना दक्षिणा ज्योतिषी से प्रश्न नहीं पूछना चाहिए।
🌺14) घर में पूजा करने के लिए अंगूठे से बड़ा शिवलिंग न रखें।
🌺15) तुलसी पेड़ में शिवलिंग किसी भी स्थान पर न हो।
🌺16) गर्भवती महिला को शिवलिंग स्पर्श नहीं करना है।
🌺17) स्त्री द्वारा मंदिर में नारियल नहीं फोडना है।
🌺18) रजस्वला स्त्री का मंदिर प्रवेश वर्जित है।
🌺19) परिवार में सूतक हो तो पूजा प्रतिमा स्पर्श न करें।
🌺20) शिव जी की पूरी परिक्रमा नहीं की जाती।
🌺21) शिव लिंग से बहते जल को लांघना नहीं चाहिए।
🌺22)एक हाथ से प्रणाम न करें।
🌺23)दूसरे के दीपक से अपना दीपक जलाना नहीं चाहिए।
🌺24)चरणामृत लेते समय दायें हाथ के नीचे एक नैपकीन रखें ताकि एक बूंद भी नीचे न गिरे।
🌺25) चरणामृत पीकर हाथों को सिर या शिखा पर न पोछें बल्कि आंखों पर लगायें शिखा पर गायत्री का निवास होता है उसे अपवित्र न करें।
🌺26) देवताओं को लोभान या लोभान की अगरबत्ती का धूप न करें।