AUTISTIC THREAD

ARE YOU COMF(Y) ????

HOW ABOUT A NICE GAME OF CHESS

CHE[SS] 5D

d5 in CheSS

HERE MY THEORY.

COME PROVE ME WRONG.

PART ##1 CHESS 1D

- d1. The King, The queen & Casimir -

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More from Trump

Today's Twitter threads (a Twitter thread).

Inside: Stop saying "it's not censorship if it's not the government"; Trump's swamp gators find corporate refuge; and more!

Archived at: https://t.co/7JMcAbaULj

#Pluralistic

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Monday night, I'll be helping William Gibson launch the paperback edition of his novel AGENCY at a Strand Bookstore videoconference. Come say hi!

https://t.co/k3fvBdqOK0

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Stop saying "it's not censorship if it's not the government": I didn't expect the Spanish Inquisition.

https://t.co/7I0MpCTez5

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Trump's swamp gators find corporate refuge: The Swamped project.

https://t.co/MUJyIOr2iw

4/


#15yrsago A-Hole bill would make a secret technology into the law of the land https://t.co/57bJaM1Byr

#15yrsago Hollywood’s MP loses the election — hit the road, Sam! https://t.co/12ssYpV46B

#15yrsago How William Gibson discovered science fiction https://t.co/MYR0go37nW

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🌺कैसे बने गरुड़ भगवान विष्णु के वाहन और क्यों दो भागों में फटी होती है नागों की जिह्वा🌺

महर्षि कश्यप की तेरह पत्नियां थीं।लेकिन विनता व कद्रु नामक अपनी दो पत्नियों से उन्हे विशेष लगाव था।एक दिन महर्षि आनन्दभाव में बैठे थे कि तभी वे दोनों उनके समीप आकर उनके पैर दबाने लगी।


प्रसन्न होकर महर्षि कश्यप बोले,"मुझे तुम दोनों से विशेष लगाव है, इसलिए यदि तुम्हारी कोई विशेष इच्छा हो तो मुझे बताओ। मैं उसे अवश्य पूरा करूंगा ।"

कद्रू बोली,"स्वामी! मेरी इच्छा है कि मैं हज़ार पुत्रों की मां बनूंगी।"
विनता बोली,"स्वामी! मुझे केवल एक पुत्र की मां बनना है जो इतना बलवान हो की कद्रू के हज़ार पुत्रों पर भारी पड़े।"
महर्षि बोले,"शीघ्र ही मैं यज्ञ करूंगा और यज्ञ के उपरांत तुम दोनो की इच्छाएं अवश्य पूर्ण होंगी"।


महर्षि ने यज्ञ किया,विनता व कद्रू को आशीर्वाद देकर तपस्या करने चले गए। कुछ काल पश्चात कद्रू ने हज़ार अंडों से काले सर्पों को जन्म दिया व विनता ने एक अंडे से तेजस्वी बालक को जन्म दिया जिसका नाम गरूड़ रखा।जैसे जैसे समय बीता गरुड़ बलवान होता गया और कद्रू के पुत्रों पर भारी पड़ने लगा


परिणामस्वरूप दिन प्रतिदिन कद्रू व विनता के सम्बंधों में कटुता बढ़ती गयी।एकदिन जब दोनो भ्रमण कर रहीं थी तब कद्रू ने दूर खड़े सफेद घोड़े को देख कर कहा,"बता सकती हो विनता!दूर खड़ा वो घोड़ा किस रंग का है?"
विनता बोली,"सफेद रंग का"।
तो कद्रू बोली,"शर्त लगाती हो? इसकी पूँछ तो काली है"।