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Swami Shraddhanand was one of the Hindu leaders, freedom fighters & Arya samaj sansayi who propogated the teaching of Vedas .He was k!lled by a fanatic name Abdul Rashid on 23rd December 1926.
He played the important role in sudhi (reconversion) in the 1920s.👇
@Jayalko1

Dr Ambedkar called Shraddhanand “the greatest and most sincere champion of the Dalits.

He started a Holy campaign of purifying the converted Hindus. He opened an office at Agra. There were many Rajputs at Agra, Bharatpur, Mathura etc. @DeshBhaktReva

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who had been converted to Islam ; but they wanted to come back to Hinduism. 5 lacs of Rajputs were ready to accept Hinduism. Swami Shraddhanand was leading this campaign. He organised a huge gathering for this purpose and purified those Rajputs. @Dharma_Ramani

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Many villages got purified under His leadership. This mission created a new consciousness, a new energy and enthusiasm among Hindus and the number of Hindu organisations increased. A Muslim woman by name Ajgaribegum from Karachi was initiated into Hinduism. @narayanagl

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This incident created a furore among Muslims and Swamiji was known all over the world. A Muslim fanatic who was member of Tablighi jamat name Abdul Rashid (also the father of Nargis actor & maternal grandfather of Sanjay Dutt) @AnuSatheesh5

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More from श्रीमाली हितेश अवस्थी

।। हरि ॐ।।
शिव के रुद्राभिषेक से होते हैं 18 आश्चर्यजनक लाभ, जरूर पढ़े..

रुद्र अर्थात भूतभावन शिव का अभिषेक। शिव और रुद्र परस्पर एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं। शिव को ही 'रुद्र' कहा जाता है, क्योंकि रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानी कि भोले सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं।


हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दु:खों के कारण हैं। रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली से पातक कर्म एवं महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं और साधक में शिवत्व का उदय होता है तथा भगवान शिव का शुभाशीर्वाद भक्त को प्राप्त होता है।


और उनके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि एकमात्र सदाशिव रुद्र के पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वत: हो जाती है।

रुद्रहृदयोपनिषद में शिव के बारे में कहा गया है कि सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका अर्थात सभी देवताओं की आत्मा में रुद्र उपस्थित हैं..


और सभी देवता रुद्र की आत्मा हैं। हमारे शास्त्रों में विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक के पूजन के निमित्त अनेक द्रव्यों तथा पूजन सामग्री को बताया गया है। साधक रुद्राभिषेक पूजन विभिन्न विधि से तथा विविध मनोरथ को लेकर करते हैं।


रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली के महापाप भी जलकर भस्म हो जाते हैं और हममें शिवत्व का उदय होता है। भगवान शिव का शुभाशीर्वाद प्राप्त होता है। सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। एकमात्र सदाशिव रुद्र के पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वत: हो जाती है।रुद्राभिषेक के विभिन्न पूजन के लाभ इस प्रकार हैं
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आजकल लोगों की एक सोच बन गई है कि राजपूतों ने लड़ाई तो की, लेकिन वे एक हारे हुए योद्धा थे, जो कभी अलाउद्दीन से हारे, कभी बाबर से हारे, कभी अकबर से, कभी औरंगज़ेब से। क्या वास्तव में ऐसा ही है ? यहां तक कि राजपूत समाज में भी ऐसे कईं राजपूत हैं...

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जो महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान आदि योद्धाओं को महान तो कहते हैं, लेकिन उनके मन में ये हारे हुए योद्धा ही हैं।

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महाराणा प्रताप के बारे में ऐसी पंक्तियाँ गर्व के साथ सुनाई जाती हैं :- “जीत हार की बात न करिए, संघर्षों पर ध्यान करो”, “कुछ लोग जीतकर भी हार जाते हैं, कुछ हारकर भी जीत जाते हैं”।असल बात ये है कि हमें वही इतिहास पढ़ाया जाता है, जिनमें हम हारे हैं।

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मेवाड़ के राणा सांगा ने अनेक युद्ध लड़े, जिनमें मात्र एक युद्ध में पराजित हुए और आज उसी एक युद्ध के बारे में दुनिया जानती है, उसी युद्ध से राणा सांगा का इतिहास शुरु किया जाता है और उसी पर ख़त्म।

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राणा सांगा द्वारा लड़े गए खंडार, अहमदनगर, बाड़ी, गागरोन, बयाना, ईडर, खातौली जैसे युद्धों की बात आती है तो शायद हम बता नहीं पाएंगे और अगर बता भी पाए तो उतना नहीं जितना खानवा के बारे में बता सकते हैं।

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क्या आप जानते हैं गुरुकुल कैसे खत्म हो गये ?

भारतवर्ष में गुरुकुल कैसे खत्म हो गये ?
कॉन्वेंट स्कूलों ने किया बर्बाद, 1858 में Indian Education Act बनाया गया।
इसकी ड्राफ्टिंग ‘लोर्ड मैकोले’ ने की थी।
#भारत_मांगे_गुरुकुल

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लेकिन उसके पहले उसने यहाँ (भारत) के शिक्षा व्यवस्था का सर्वेक्षण कराया था, उसके पहले भी कई अंग्रेजों ने भारत की शिक्षा व्यवस्था के बारे में अपनी रिपोर्ट दी थी।
अंग्रेजों का एक अधिकारी था G.W. Litnar
और दूसरा था Thomas Munro
#भारत_मांगे_गुरुकुल

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दोनों ने अलग अलग इलाकों का अलग-अलग समय सर्वे किया था। Litnar, जिसने उत्तर भारत का सर्वे किया था,
उसने लिखा है कि यहाँ 97% साक्षरता है
और Munro, जिसने दक्षिण भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा कि यहाँ तो 100% साक्षरता है।
#भारत_मांगे_गुरुकुल

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मैकोले का स्पष्ट कहना था कि भारत को हमेशा-हमेशा के लिए अगर गुलाम बनाना है
तो इसकी “देशी और सांस्कृतिक शिक्षा व्यवस्था” को पूरी तरह से ध्वस्त करना होगा
और उसकी जगह “अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था” लानी होगी...

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और तभी इस देश में शरीर से हिन्दुस्तानी लेकिन दिमाग से ~अंग्रेज_पैदा_होंगे और जब इस देश की यूनिवर्सिटी से निकलेंगे तो हमारे हित में काम करेंगे। मैकाले एक मुहावरा इस्तेमाल कर रहा है :
“कि जैसे किसी खेत में कोई फसल लगाने के पहले पूरी तरह जोत दिया जाता है वैसे ही इसे जोतना होगा 👇👇

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