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कौरव और पांडवों के बीच जब राज्य बंटवारे को लेकर कलह चली, तो मामा शकुनि की अनुशंसा पर धृतराष्ट्र ने खांडवप्रस्थ नामक एक जंगल को देकर पांडवों को कुछ समय तक के लिए शांत कर दिया था। इस जंगल में एक महल था जो खंडहर हो चुका था। पांडवों के समक्ष अब उस जंगल को एक नगर बनाने की चुनौती थी।


खंडहर महल के चारों तरफ भयानक जंगल था। यमुना नदी के किनारे एक बीहड़ वन था जिसका नाम खांडव वन था। पहले इस जंगल में एक नगर हुआ करता था,फिर वह नगर नष्ट हो गया और उसके खंडहर ही बचे थे।खंडहरों के आसपास वहां जंगल निर्मित हो गया था।यहां इंद्रप्रस्थ नगर बसाने के लिए इस जंगल में...


...अर्जुन और श्रीकृष्ण ने आग लगा दी थी।
खांडववन में अग्नि धधकने लगी और उसकी ऊंची ऊंची लपटे आकाश तक पहुंच गई।खांडववन को अग्नि 15 दिन तक जलाती रही।इस अग्निकाण्ड में केवल छह प्राणी ही बच पाते हैं।अश्‍वसेन सर्प, मयदानव(मयासुर)और चार शार्ड्ग पक्षी। आओ जानते हैं कि अश्वसेन सर्प कौन था।


अश्वसेन तक्षक नाग का पुत्र था। खांडववन जल रहा था तब उसकी माता ने उसे अपने मुंह में निगल लिया और वहां से भाग गई।परंतु असहनीय गर्मी के कारण वह बच न सकी। लेकिन अपनी जान दे कर भी वह नागिन अपने मुंह में छुपाए अपने बच्चे को जीवन-दान दे गयी।


अश्वसेन की माता तो मार गयी परंतु अश्वसेन बच गया। उसे अपनी माँ की इस प्रकार मृत्यु का बड़ा दुख हुआ और वो प्रतिशोध की अग्नि में जलने लगा।तत्पश्चात उसका एक ही लक्ष्य था की जिस अर्जुन ने खांडव वन में आग लगाकर उसकी माता के प्राण लिए, वह किस प्रकार उसके प्राण ले।
आयुर्वेद जानकारी

*तिल का तेल ... पृथ्वी का अमृत*

यदि इस पृथ्वी पर उपलब्ध सर्वोत्तम खाद्य पदार्थों की बात की जाए तो तिल के तेल का नाम अवश्य आएगा और यही सर्वोत्तम पदार्थ बाजार में उपलब्ध नहीं है. और ना ही आने वाली पीढ़ियों को इसके गुण पता हैं.


🔹 क्योंकि नई पीढ़ी तो टी वी के इश्तिहार देख कर ही सारा सामान ख़रीदती है.
और तिल के तेल का प्रचार कंपनियाँ इसलिए नहीं करती क्योंकि इसके गुण जान लेने के बाद आप उन द्वारा बेचा जाने वाला तरल चिकना पदार्थ जिसे वह तेल कहते हैं लेना बंद कर देंगे.

🔹तिल के तेल में इतनी ताकत होती है कि यह पत्थर को भी चीर देता है. प्रयोग करके देखें....
🔹आप पर्वत का पत्थर लिजिए और उसमे कटोरी के जैसा खडडा बना लिजिए, उसमे पानी, दुध, धी या तेजाब संसार में कोई सा भी कैमिकल, ऐसिड डाल दीजिए, पत्थर में वैसा की वैसा ही रहेगा, कही नहीं जायेगा...

🔹लेकिन.अगर आप ने उस कटोरी नुमा पत्थर में तिल का तेल डाल दीजिए,उस खड्डे में भर दिजिये.2 दिन बाद आप देखेंगे कि,तिल का तेल.पत्थर के अन्दर भी प्रवेश करके,पत्थर के नीचे आ जायेगा.यह होती है तेल की ताकत, इस तेल की मालिश करनेसे हड्डियों को पार करता हुआ,हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है.
Part 2: Cyber Warfare

If you think we might only see wars happening on land, air or water then you're wrong, wars aren't limited to these now.

There's Cyber Space too, this is generally termed as ‘The 5th Generation Warfare’


India has already seen a sample of it recently during the Galwan Valley issue

Chinese govt backed hacker group called ‘Red Echo’ had done massive cyber attacks on India's critical infrastructure.

Due to the alertness of our ‘Cyber Response Team’ they couldn't cause much damage.

Wondering what happened?

A grid failure on 12 Oct '20 resulted in a major power outage in #Mumbai & its surrounding areas, affecting electricity supply, local trains etc.

It took hours for power supply to be gradually restored in a phase-wise

US based cyber security firm ‘Recorded Future’ released a report titled, ‘China-linked Group #RedEcho targets Indian Power Sector Amid Heightened Border Tensions’ that points to inflow of Chinese malware into India's critical infrastructure systems that manage electricity supply.

The report identifies RedEcho — a China based advanced persistent threat(APT) group — as the entity behind attempts to infiltrate India's power grids.

Recorded Future also stated that ‘Red Echo’ had targeted 10 vital nodes in India’s power distribution system & 2 seaports.
क्या आप जानते हैं?

मांडव्य ऋषि कौन थे जिनके शापवश धर्मराज को एक दासीपुत्र बनकर जन्म लेना पड़ा। वह दासीपुत्र ही आगे चलकर विदुर कहलाये। विदुर बड़े ज्ञानी थे और हमेशा धर्म की बात करते थे।

अक्रूर जी जब हस्तिनापुर में विदुर से मिलकर आते हैं तो वे श्री कृष्ण से कहते हैं कि...


...महात्मा विदुर आपके परम भक्त हैं और वे आपसे मिलने के लिए उतावले हैं।तब श्रीकृष्ण कहते हैं कि मैं भी धर्मराज से मिलने के लिए उतावला हूं। यह सुनकर अक्रूर जी आश्चर्य से कहते हैं,"धर्मराज!" तब श्री कृष्ण कहते हैं,"हां अक्रूर जी। आपने सही सुना।मैं धर्मराज से मिलने के लिए उतावला हूं।


क्योंकि विदुर साक्षात धर्मराज हैं जिन्होनें मांडव्य ऋषि के शाप के चलते इस धरती पर मनुष्य रूप में जन्म लिया है।"

चलिए जानते हैं मांडव्य ऋषि की कथा।
मांडव्य ऋषि एक महान तपस्वी थे जो खांडव वन में अपने आश्रम की एक कुटिया में रहते थे।एकदिन कुछ लुटेरे दौड़ते हुए ऋषि के आश्रम कीओर आए।


उन लुटेरों ने ऋषि से कहा कि कुछ लुटेरे हमारे पीछे पड़े हैं जो हमें जान से मारकर हमारा सारा धन लूटना चाहते हैं। हम व्यापारी हैं, कृप्या हमारी रक्षा करें और हमें आसरा दें। मांडव्य ऋषि उन लूटेरों को व्यापारी समझ उनकी सहायता करते हैं और कहते हैं कि अपना धन कुटिया में छुपा दो।


और तुम पीछे के रास्ते से भाग जाओ। लुटेरे धन छिपा कर वहां से भाग जाते हैं और तभी राजा के सिपाही वहां आ जाते हैं और वे ऋषि को लुटेरों की सहायता के आरोप में पकड़ लेते हैं। सिपाही सोचते हैं कि ये साधू भी उन लुटेरों के साथ मिला हुआ है और मांडव्य ऋषि को पकड़कर ले जाते हैं।
🌺श्रीरामचरितमानस घर में रखने का महत्व और पाठ करने के लाभ 🌺

जिस घर में प्रतिमाह पूर्णिमा को रामायण का पाठ होता है, उस घर में अकाल मृत्यु नहीं होती है।

जिस घर में श्री रामचरितमानस रखी होती है वहां कभी भूत, पिशाच, प्रेतों का
वास नहीं होता।


जिस घर में रामायण के पास शाम के समय
देशी गाय के घी का दीपक जलाया जाता है ,उस घर में अन्न की कमी कभी नहीं होती है।

जिस घर में श्री रामचरितमानस के पास
सुबह शाम गौ माता के घी का दीपक
प्रतिदिन जलाया जाता है ,
उस घर में आरोग्य बढ़ता है।
बीमारियां कम होती हैं।


जिस घर में श्री रामचरितमानस की
शाम के समय देशी गाय के घी का दीपक जलाकर श्री रामचरितमानस की आरती
प्रतिदिन होती है उस घर पर श्रीराम जी की
कृपा सदैव रहती है, और घर में शांति का वातावरण रहता है। प्रभु की कृपा रहती है।


जिस घर में प्रति सप्ताह रामायण पाठ होता है,उस घर पर प्रभु श्रीराम और माता सीता की कृपा हमेशा बनी रहती है।बच्चों की बलबुद्धि में वृद्धि होती है।

जिस घर में प्रतिदिन रामायण पाठ होता है, उस पर श्रीराम,माता सीता,महादेव, हनुमानजी,शनि-देव,नव-ग्रह व सभी देवी-देवताओं की कृपा रहती है ।


जिस घर में प्रतिदिन रामायण पाठ होता है,उस घर से दरिद्रता भाग जाती है, उस परिवार की यशवृद्धि होती है, उस घर पर मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। बच्चों को कभी भय नहीं लगता। भूत, प्रेत, पिशाच वहां कभी प्रवेश नहीं कर सकते। वह घर सुख, समृद्धि, शन्ति, धन,अन्न,सन्तान,मित्र...