1) Are you ready for a PLAGAMO string of updates???
Snacks and Popcorn at the ready?!
Special thanks to @dbamair I appreciate you

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The common understanding of propaganda is that it is intended to brainwash the masses. Supposedly, people get exposed to the same message repeatedly and over time come to believe in whatever nonsense authoritarians want them to believe /1

And yet authoritarians often broadcast silly, unpersuasive propaganda.

Political scientist Haifeng Huang writes that the purpose of propaganda is not to brainwash people, but to instill fear in them /2


When people are bombarded with propaganda everywhere they look, they are reminded of the strength of the regime.

The vast amount of resources authoritarians spend to display their message in every corner of the public square is a costly demonstration of their power /3

In fact, the overt silliness of authoritarian propaganda is part of the point. Propaganda is designed to be silly so that people can instantly recognize it when they see it


Propaganda is intended to instill fear in people, not brainwash them.

The message is: You might not believe in pro-regime values or attitudes. But we will make sure you are too frightened to do anything about it.
Today's Twitter threads (a Twitter thread).

Inside: Planet Money on HP's myriad ripoffs; Strength in numbers; and more!

Archived at: https://t.co/esjoT3u5Gr

#Pluralistic

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On Feb 22, I'm delivering a keynote address for the NISO Plus conference, "The day of the comet: what trustbusting means for digital manipulation."

https://t.co/Z84xicXhGg

2/


Planet Money on HP's myriad ripoffs: Ink-stained wretches of the world, unite!

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3/


Strength in numbers: The crisis in accounting.

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4/


#15yrsago Bad Samaritan family won’t return found expensive camera https://t.co/Rn9E5R1gtV

#10yrsago What does Libyan revolution mean for https://t.co/Jz28qHVhrV? https://t.co/dN1e4MxU4r

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प्राचीन काल में गाधि नामक एक राजा थे।उनकी सत्यवती नाम की एक पुत्री थी।राजा गाधि ने अपनी पुत्री का विवाह महर्षि भृगु के पुत्र से करवा दिया।महर्षि भृगु इस विवाह से बहुत प्रसन्न हुए और उन्होने अपनी पुत्रवधु को आशीर्वाद देकर उसे कोई भी वर मांगने को कहा।


सत्यवती ने महर्षि भृगु से अपने तथा अपनी माता के लिए पुत्र का वरदान मांगा।ये जानकर महर्षि भृगु ने यज्ञ किया और तत्पश्चात सत्यवती और उसकी माता को अलग-अलग प्रकार के दो चरू (यज्ञ के लिए पकाया हुआ अन्न) दिए और कहा कि ऋतु स्नान के बाद तुम्हारी माता पुत्र की इच्छा लेकर पीपल का आलिंगन...

...करें और तुम भी पुत्र की इच्छा लेकर गूलर वृक्ष का आलिंगन करना। आलिंगन करने के बाद चरू का सेवन करना, इससे तुम दोनो को पुत्र प्राप्ति होगी।परंतु मां बेटी के चरू आपस में बदल जाते हैं और ये महर्षि भृगु अपनी दिव्य दृष्टि से देख लेते हैं।

भृगु ऋषि सत्यवती से कहते हैं,"पुत्री तुम्हारा और तुम्हारी माता ने एक दुसरे के चरू खा लिए हैं।इस कारण तुम्हारा पुत्र ब्राह्मण होते हुए भी क्षत्रिय सा आचरण करेगा और तुम्हारी माता का पुत्र क्षत्रिय होकर भी ब्राह्मण सा आचरण करेगा।"
इस पर सत्यवती ने भृगु ऋषि से बड़ी विनती की।


सत्यवती ने कहा,"मुझे आशीर्वाद दें कि मेरा पुत्र ब्राह्मण सा ही आचरण करे।"तब महर्षि ने उसे ये आशीर्वाद दे दिया कि उसका पुत्र ब्राह्मण सा ही आचरण करेगा किन्तु उसका पौत्र क्षत्रियों सा व्यवहार करेगा। सत्यवती का एक पुत्र हुआ जिसका नाम जम्दाग्नि था जो सप्त ऋषियों में से एक हैं।