हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं यह सभी जानते हैं।

पर अगर आपको बताया जाए कि उनका विवाह हुआ था तो शायद आप सब अचंभित हो जाएंगे।

हैं ना..??!!

तेलंगाना के खम्मम जिले में एक मंदिर है जहां हनुमानजी और उनकी पत्नी सुवर्चला देवी की प्रतिमा प्रतिष्ठित है और आज भी स्थानीय लोग ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को इनके विवाह का उत्सव मनाने हैं। 😇🙏

अब आप सोच रहे होंगे कि अगर हनुमान जी विवाहित हैं तो ब्रह्मचारी कैसे?! 😅
आइए जानते हैं इसके पीछे का रहस्य...

हनुमान जी को भगवान सूर्य देव से नव निधियों का ज्ञान प्राप्त करना था। सूर्य देव ने ५ निधियों का ज्ञान तो हनुमान जी को से दिया पर शेष ४ के लिए उनके सामने एक समस्या खड़ी हो गई..
उन ४ निधियों का ज्ञान पाने के लिए विवाहित होना अनिवार्य था। हनुमान जी ने कहा कि में तो ब्रह्मचारी हूं मैं कैसे विवाह कर सकता हूं
भगवान सूर्य नारयण ने समाधान बताते हुए कहा कि उन्हे और उनकी पत्नी संध्या देवी को विश्वकर्मा जी की कृपा से एक पुत्री प्राप्त हुई है जिसका नाम सुवर्चला है
सूर्य देव ने कहा कि क्यूंकि सुवर्चला उनके प्रकाश से उत्पन्न हुई हैं, इसलिए उनको हनुमान जी के अलावा कोई और धारण करने में समर्थ नहीं। वे परम तपस्विनी हैं इसलिए विवाहोप्रांत तपस्या में फिर से लीन हो जाएंगी। इस कारण हनुमान जी का ब्रह्मचर्य अखंड रहेगा। समस्या का उचित निराकरण जान कर
हनुमान जी विवाह के लिए स्वीकृति दे दी। और सूर्य देव से नव निधियों का ज्ञान प्राप्त कर लिया। इस प्रकरण का उल्लेख पाराशर संहिता में पाया जाता है।
हनुमान जी और माता सुवर्चला का मंदिर हैदराबाद से लग भग २०० किमी दूर खम्मम जिले में स्थित है।
तो आप भी दर्शन के लिए योजना बना रहे हैं ना?

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