Yet one more reason to reject those anti Hindu/anti Sanatani/anti Vedic so called (trad/tradcells/pseudo trad) Pandits & guardian of Dharma, who believe women don’t have right to study Vedas 👇:-
#Vedas #RigVeda #Hinduism #Hindu #SanatanDharma #Women
Rig Veda 1.164.41 (1st Mandal, 164th Sukta, 41st Mantra) says :-
गौ॒रीर्मि॑माय सलि॒लानि॒ तक्ष॒त्येक॑पदी द्वि॒पदी॒ सा चतु॑ष्पदी।
अ॒ष्टाप॑दी॒ नव॑पदी बभू॒वुषी॑ स॒हस्रा॑क्षरा पर॒मे व्यो॑मन् ॥
Word-Meaning: -
हे स्त्री-पुरुषो ! जो (एकपदी) एक वेद का अभ्यास करनेवाली वा (द्विपदी) दो वेद जिसने अभ्यास किये वा (चतुष्पदी) चार वेदों की पढ़ानेवाली वा (अष्टापदी) चार वेद और चार उपवेदों की विद्या से युक्ता वा (नवपदी) चार वेद, चार उपवेद और व्याकरणादि शिक्षायुक्त..
.. (बभूवुषी) अतिशय करके विद्याओं में प्रसिद्ध होती और (सहस्राक्षरा) असंख्यात अक्षरोंवाली होती हुई (परमे) सबसे उत्तम (व्योमन्) आकाश के समान व्याप्त निश्चल परमात्मा के निमित्त प्रयत्न करती है और (गौरीः) गौरवर्णयुक्त विदुषी स्त्रियों को (मिमाय) शब्द कराती अर्थात्..
.. (सलिलानि) जल के समान निर्मल वचनों को (तक्षती) छाँटती अर्थात् अविद्यादि दोषों से अलग करती हुई (सा) वह संसार के लिये अत्यन्त सुख करनेवाली होती है ॥ ४१ ॥