कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष क्या है?
तिथियां क्या होती है?
मंगल अमंगल महूरत क्या है?
देव लोक पितृ लोक क्या है?
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depth of the science based on veda ...how?
पूर्णिमान्त मास मानने पर मास का प्रारम्भ (पूर्वपक्ष) कृष्णपक्ष होता है और उत्तरपक्ष (उत्तरार्ध) शुक्लपक्ष होता है। परन्तु तैत्तिरीय ब्राह्मण और निरुक्त में मास का प्रारम्भ शुक्ल पक्ष से और समाप्ति (उत्तरार्ध) कृष्णपक्ष से बताया गया है। इस प्रकार का मास
अमान्त मास होता है। यह भी कहा गया है है कि पूर्वपक्ष अर्थात् शुक्लपक्ष देवों से संबद्ध है और उत्तरार्ध कृष्णपक्ष असुरों से ,निरुक्त में शुक्ल पक्ष को पूर्वपक्ष और कृष्णपक्ष को उत्तरपक्ष (उत्तरार्ध) बताया है ।
आधुनिक पंचांग एक प्रकार से दोनों पद्धतियों का समन्वय हैं । इनमें
मास पूर्णिमान्त होते हैं अर्थात् मास का प्रारम्भ कृष्णपक्ष से होता है और समाप्ति शुक्ल पक्ष से, अतः मास की समाप्ति पूर्णिमा को होती है । परन्तु वर्ष का प्रारम्भ शुक्लपक्ष से होता है, अर्थात् चैत्र शुक्लपक्ष से वर्ष प्रारम्भ होता है और आगामी चैत्र कृष्णपक्ष की अमावस्या को वर्ष
पूरा होता है। इस प्रकार मास पूर्णिमान्त हैं और वर्ष अमान्त हैं। अतः आधुनिक पंचांग दोनों पद्धतियों का समन्वय समझना चाहिए ।
इसी प्रकार दोनों अयन अर्थात् उत्तरायण और दक्षिणायन का भी भेद किया गया है । उत्तरायण का संबन्ध देवों से है और दक्षिणायन का पितरों से । शतपथ ब्राह्मण में इसी