Authors Vyas Sunaina

7 days 30 days All time Recent Popular
जय श्री राम जय श्री हनुमान 🚩🚩

आपने हनुमान चालीसा के महत्व एवं चमत्कारी असर के बारे में जाना हैं समझा है और शायद महसूस भी किया है लेकिन क्या आपने कभी श्री हनुमान बाहुक के बारे में सुना है?

इसकी संरचना कैसे हुई और किसने पहली बार इसका जाप किया, इसके पीछे एक रोचक कहानी है। 👇🏻


आइए जाने:

संत तुलसीदास जी श्रीराम व हनुमान जी के परम भक्त थे। एकबार की बात है कलियुग के प्रकोप से उनकी भुजा में अत्यंत पीड़ा हुई, वे काफी बीमार पड़ गए।

उन्हें वात ने जकड़ लिया था, शरीर में काफी पीड़ा भी थी। पीड़ा भरी आवाज में उन्होंने हनुमान नाम का जाप आरंभ कर दिया।
👇🏻

अपने भक्त की पीड़ा देखते हुए हनुमान जी प्रकट हुए। तो पीड़ा व रोग निवारण के लिये तुलसीदास जी ने इस हनुमान बाहुक के पाठ की रचना की।

हनुमान बाहुक के 44 चरणों का पाठ हैं जिससे तुलसीदास जी के सभी शारीरिक कष्टों दूर हो गए। कोई भी प्राणी यदि विधि से इसका परायण करता है तो 👇🏻

हनुमानजी की कृपा से उसको शरीर की समस्त पीड़ाओं से मुक्ति मिलती हैं ।

हनुमान बाहुक के लाभ: यदि आप गठिया, वात, सिरदर्द, कंठ रोग, जोड़ों का दर्द आदि किसी भी रोग या दर्द से परेशान हैं, तो जल का एक पात्र सामने रखकर हनुमान बाहुक का 26 या 21 दिनों तक मुहूर्त देखकर पाठ करें।

हनुमान बाहुक का पाठ भक्त को भूत-प्रेत जैसी बाधाओं से भी दूर रखता है।

हनुमान बाहुक के पाठ से भक्त के आसपास एक रक्षा कवच बन जाता है, जिसके प्रभाव से किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति उसे छू भी नहीं सकती👇🏻