चाणक्य नीति 🔥🙏
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जो व्यक्ति शास्त्रों के सूत्रों का अभ्यास करके ज्ञान ग्रहण करेगा उसे अत्यंत वैभवशाली कर्तव्य के सिद्धांत ज्ञात होगे। उसे इस बात का पता चलेगा कि किन बातों का अनुशरण करना चाहिए और किनका नहीं। उसे अच्छाई और बुराई का भी ज्ञात होगा और अंततः उसे सर्वोत्तम का भी ज्ञान होगा।
एक पंडित भी घोर कष्ट में आ जाता है यदि वह किसी मुर्ख को उपदेश देता है, यदि वह एक दुष्ट पत्नी का पालन-पोषण करता है या किसी दुखी व्यक्ति के साथ अतयंत घनिष्ठ सम्बन्ध बना लेता है.
दुष्ट पत्नी, झूठा मित्र, बदमाश नौकर और सर्प के साथ निवास साक्षात् मृत्यु के समान है।
व्यक्ति को आने वाली मुसीबतो से निबटने के लिए धन संचय करना चाहिए। उसे धन-सम्पदा त्यागकर भी पत्नी की सुरक्षा करनी चाहिए। लेकिन यदि आत्मा की सुरक्षा की बात आती है तो उसे धन और पत्नी दोनो को तुक्ष्य समझना चाहिए।