भोजन
जिसके लिए हम दिन रात लगे हैं , और इसकी कमी भी दुखदायी है और अधिकता है।
व्यस्तता के कारण थ्रेड लिखे बहुत समय हो गया है, आज भोजन में कब क्या कब क्या खाना चाहिए और क्या नही खाना चाहिए इस पर छोटा थ्रेड।
सबसे पहले ब्रह्ममुहूर्त या फिर सूर्योदय के समय उठने की आदत डालें।
सुबह सुबह उठकर अपनी प्रकृति के अनुसार दो ग्लास पानी जरूर लेना चाहिए , तांबे के ग्लास का हो या चांदी या फिर हल्का गर्म हो या रूम टेम्प्रेचर पर जैसा आपको सूट करता हो
नित्य क्रिया के बाद योग प्राणायाम और ध्यान करने का नियम बनाये।
ये ध्यान रखने वाली बात है कि सूर्योदय के तीन घण्टे तक कुछ खाना नही चाहिए।
उदहारण के लिए हम मान लेते है कि 6 बजे सूर्योदय हो रहा है तो आप 9 बजे नाश्ता कर सकते है, शुरू में थोड़ा समय लगेगा पर फिर आदत हो जाएगी।
नाश्ते में कार्बोहाइड्रेट और ऐसी भोज्य वस्तुए जो आपको ऊर्जा दे ली जा सकती है।
जिसमे फल, दूध , दही , चावल से बने पदार्थ, आलू , सूखे मेवे आदि लिए जा सकते है ,ये आपकी सुबह की ऊर्जा की जरूरत को पूरा करेंगे।
आयुर्वेद का एक नियम है कि भोजन में याम भंग नही होना चाहिए, और एक याम तीन घण्टे का होता है। जैसे आपने एक याम कुछ नही खाया यानी सुबह 6 से 9 तक फिर 9 से 12 के बीच भोजन हो जाना चाहिए।
यानी दिन में 12 बजे से पहले।