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शिव के रूद्रावतार ❤️

देवाधिदेव महादेव ने ग्यारह बार रूद्र अवतार लिया। जिनके उल्लेख निम्नवत् है-
• महाकाल- शिव के दस प्रमुख अवतारों में पहला अवतार महाकाल को माना जाता है। इस अवतार की शक्ति माँ महाकाली मानी जाती हैं। उज्जैन में महाकाल नाम से ज्योतिर्लिंग विख्यात है।


उज्जैन में ही गढ़कालिका क्षेत्र में माँ कालिका का प्राचीन मंदिर है और महाकाली का मंदिर गुजरात के पावागढ़ शक्तिपीठ में है।
• तारा- शिव के रुद्रावतार में दूसरा अवतार तार (तारा) नाम से प्रसिद्ध है।

इस अवतार की शक्ति तारादेवी मानी जाती हैं।यह पीठ पश्चिम बंगाल के वीरभूम में स्थित द्वारका नदी के पास महाश्मशान में स्थित है तारा पीठ। पूर्वी रेलवे के रामपुर हॉल्ट स्टेशन से 4 मील दूरी पर स्थित है।

• बाल भुवनेश- महादेव का तीसरा रुद्रावतार है बाल भुवनेश। इस अवतार की शक्ति को बाला भुवनेशी माना गया है। दस महाविद्या में से एक माता भुवनेश्वरीका शक्तिपीठ उत्तराखंड में है। उत्तरवाहिनी नारद गंगाकी सुरम्य घाटी पर यह प्राचीनतम आदि शक्ति मां भुवनेश्वरी का मंदिर

पौड़ी गढ़वाल में कोटद्वारसतपुली-बांघाट मोटर मार्ग पर सतपुली से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम विलखेत व दैसण के मध्य नारद गंगा के तट पर मणिद्वीप (सांगुड़ा) में स्थित है। इस पावन सरिता का संगम गंगाजी से व्यासचट्टी में होता है,