SSSIndore Categories Astraitihas

7 days 30 days All time Recent Popular
प्रश्न = इतिहास में पाशुपतास्त्र कब कब इस्तेमाल हुआ ?

पाशुपतास्त्र बहुत विध्वंसक महास्त्र है और इतिहास में केवल कुछ लोग ही थे जिनके पास ये अस्त्र था। उसपर भी बहुत कम लोगों ने इस अस्त्र का उपयोग किया। पाशुपतास्त्र के उपयोग का सबसे बड़ा नियम ये था कि उसे अपने से निर्बल अथवा


किसी निःशस्त्र योद्धा पर नहीं चलाया जा सकता था। अगर ऐसा किया जाता तो पाशुपतास्त्र वापस चलाने वाले का ही नाश कर देता था। ऐसी मान्यता है कि जब सृष्टि का समय पूर्ण हो जाता है तो महादेव सृष्टि का विनाश पाशुपतास्त्र और अपने तीसरे नेत्र से ही करते हैं।

इसके अतिरिक्त जहाँ ब्रह्मास्त्र का निवारण दूसरे ब्रह्मास्त्र से और नारायणास्त्र का निवारण दूसरे नारायणास्त्र अथवा निःशस्त्र होकर किया जा सकता था, वही पाशुपतास्त्र का कोई निवारण नहीं था। इसके द्वारा किये गए विध्वंस को वापस ठीक नहीं किया जा सकता था।

यही कारण है कि त्रिदेवों के तीन महास्त्रों (ब्रह्मास्त्र, नारायणास्त्र और पाशुपत) में पाशुपतास्त्र को सबसे विनाशकारी माना गया है। सबसे पहले पाशुपतास्त्र का उपयोग भगवान शंकर द्वारा ही सतयुग में हुआ जिससे उन्होंने त्रिपुर का संहार किया।

ऐसी मान्यता है कि उन्होंने पाशुपतास्त्र का निर्माण ही केवल इस कार्य के लिए किया था। त्रेतायुग में इस महान अस्त्र के पांच लोगों के पास होने की जानकारी मिलती है - विश्वामित्र, भगवान परशुराम, रावण, मेघनाद और श्रीराम इनमें से मेघनाद को छोड़ कर बांकी चारों के पास पाशुपतास्त्र होने