1️⃣ #KashmiriPandits के खिलाफ आतंकवाद का ये खूनी खेल शुरू हुआ था साल 1986-87 में, जब सलाहुद्दीन और यासीन मलिक जैसे आतंकवादियों ने J&K का चुनाव लड़ा॥
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार बनी लेकिन वहां हुकूमत चल रही थी आतंकवादियों और अलगाववादियों की. #KashmirExodus1990
2️⃣ चुनावों में हार से नाख़ुश यासीन मलिक का संगठन JKLF (Jammu Kashmir liberation front) जो “भारत से अलग” होना चाहता था उसने पाकिस्तान के साथ मिलकर घाटी में “आतंकी प्रवृत्ति को बढ़ाकर कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी से निकालने के षडयंत्र” के तहत अपने संगठन को विस्तृत करना शुरू किया॥
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पाकिस्तान की मदद से JKLF ने अपने सदस्यों को POK मैं आतंकवाD की ट्रेनिंग दिलवाई,हथियार मुहैया करवाये JKLF ने कश्मीर घाटी के लोगों को भारत और कश्मीरी पंडितों के ख़िलाफ़ भड़काना शुरू किया, हालात यहाँ तक बिगाड़ दिए थे की JKLF के आतंकी घाटी की गलियों में AK-47 लेके घूमते थे!
4️⃣1988 अंत तक JKLF ने भारत से कश्मीर को आज़ाद कर ISLAM!C RULE (निज़ाम-E-मुस्तफ़ा) स्थापित करने के लिए अपनी आतंकी गतिविधियों को तेज कर दिया, कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडित Minority मे थे; जो कश्मीरी पंडित भारत के साथ रहने की बात करता था उसको को जान से मारने की धमकी दी जाने लगी॥
5️⃣ तत्कालीन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो ने कश्मीर घाटी में जिहाD को बढ़ावा देने के लिए POK में सैकड़ों कश्मीर घाटी के उग्रवादियों को Training देकर आतंकी बनाया और हथियार मुहैया कराए गए॥ कश्मीरी पंडितों में डर फैला कर घाटी से निकालने के लिए TARGET करना शुरु हो चुका था॥