इस देश को लूटने वाले हमारे प्यारे बन गए और इसे सोने की चिड़िया बनाने वाले चक्रवर्ती सम्राट महाराजा विक्रमादित्य को भुला दिया गया!
सम्राट विक्रमादित्य के नाम से विक्रम संवत चल रहा और 2078 पूर्ण होकर 2 अप्रैल (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) से 2079 विक्रम संवत आरम्भ हो रहा।
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महान सम्राट महाराजा विक्रमदित्य (विक्रम सेन परमार) और उनकी वीरता और महानता के बारे में आज देश के सिर्फ़ मुट्ठी भर लोगों को ज्ञात होगा, कि उन्होंने इस देश को सोने की चिड़िया बनाया था और देश में स्वर्णिम काल लाया था
विक्रमादित्य के पिता जी का नाम गर्दभील्ल (गंधर्वसेन) था।
सम्राट विक्रमादित्य की बहन का नाम मैनावती था तथा उनके भाई भर्तृहरि महाराज थे। सम्राट विक्रमादित्य की माँ जी का नाम सौम्यदर्शना था।
महाराज विक्रमादित्य, चक्रवर्ती (अर्थात् जिसका संपूर्ण भारत में राज हो) सम्राट थे कहते हैं उनके राज में कभी भी सूर्यास्त नहीं होता था।
महाराज विक्रमादित्य ने हिंदुत्व का परचम पूरे विश्व में लहराया था तथा उन्हीं के कारण ही आज सनातन धर्म बचा हुआ है।
सम्राट विक्रमादित्य का जन्म 101 BCE अवंतिका( उज्जैन) मध्य प्रदेश में हुआ था और 57 BCE में शको ( विदेशी आक्रमणकारियों ) को हराने के उपलक्ष में
नए काल सत्र का निर्माण किया, जिसे हिंदू पंचांग में “विक्रम संवत” के नाम से जाना जाता है |
आज जो भी ज्योतिष गणना है जैसे , हिन्दी सम्वंत , वार ,तिथीयाँ , राशि , नक्षत्र , गोचर आदि उन्ही की रचना है
(विक्रमी संवत् = current year + 57)